आधुनिकता को छोड़ लेगा राम का नाम भारत की भूमि को करें विश्व कोटि-कोटि प्रणाम। आधुनिकता को छोड़ लेगा राम का नाम भारत की भूमि को करें विश्व कोटि-कोटि प्रणाम...
ना कोई जाति-धर्म ना कोई भेद-भाव ना कुछ, समभाव ही आज़ादी का फरमान होना चाहिये। ना कोई जाति-धर्म ना कोई भेद-भाव ना कुछ, समभाव ही आज़ादी का फरमान होना चाहिये।
दूरी बहुत है, अब लौट के वापस आना है। दूरी बहुत है, अब लौट के वापस आना है।
समय चक्र चलता रहा, घड़ियाँ भी गतिमान हौले हौले आ गया, नया साल मेहमान। समय चक्र चलता रहा, घड़ियाँ भी गतिमान हौले हौले आ गया, नया साल मेहमान।
बीत गया ये वर्ष बीत गया ये वर्ष
खट्टे मीठे अनुभवों का एहसास खट्टे मीठे अनुभवों का एहसास